हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: अब स्वतंत्रता सेनानियों की बेटियां, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाएं भी पेंशन की होंगी हकदार

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: अब स्वतंत्रता सेनानियों की बेटियां, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाएं भी पेंशन की होंगी हकदार

हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों की विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को पेंशन देने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय से न केवल उन महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के कल्याण के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम भी है। इसके अलावा, दिव्यांग अविवाहित बेरोजगार पुत्रों को भी पेंशन देने की घोषणा की गई है।

स्वतंत्रता सेनानियों की बेटियों को पेंशन का लाभ

हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों के लिए पेंशन की पात्रता का दायरा बढ़ा दिया है। पहले यह सुविधा केवल स्वतंत्रता सेनानियों की धर्मपत्नी तक सीमित थी, लेकिन अब उनकी बेरोजगार अविवाहित बेटियां, विधवा और तलाकशुदा बेटियां भी पेंशन पाने के पात्र होंगी। यह कदम समाज के उन वर्गों को सहयोग देने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

पेंशन पाने के लिए आवश्यक शर्तें

हरियाणा सरकार ने इस पेंशन योजना को लेकर कुछ शर्तें भी रखी हैं। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि पेंशन प्राप्त करने वाली महिला का कोई अन्य आय का स्रोत नहीं होना चाहिए। इसका मतलब है कि जिन बेटियों, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं के पास खुद का कोई व्यवसाय या अन्य आय का स्रोत नहीं है, केवल वही इस पेंशन के लिए पात्र होंगी। इसके साथ ही, पेंशन की राशि भी महिलाओं की वित्तीय स्थिति और आवश्यकता के आधार पर तय की जाएगी।

दिव्यांग अविवाहित बेरोजगार पुत्रों को भी मिलेगी पेंशन

हरियाणा सरकार ने 12 जून 2009 के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए दिव्यांग अविवाहित बेरोजगार पुत्रों के लिए भी पेंशन की घोषणा की है। अब ऐसे दिव्यांग पुत्र, जिनकी दिव्यांगता 75 प्रतिशत या उससे अधिक है और जो बेरोजगार हैं, पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे। यह कदम दिव्यांग समुदाय के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है और उन्हें सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

पेंशन वितरण की प्रक्रिया

अगर एक से अधिक पात्र बच्चे पेंशन के हकदार हैं, तो इस स्थिति में पेंशन का समानुपातिक हिस्सा प्रत्येक बच्चे को मिलेगा। इसका मतलब यह है कि यदि एक स्वतंत्रता सेनानी की एक से अधिक बेटियां या बेटा पात्र हैं, तो पेंशन की राशि सभी पात्रों के बीच बांटी जाएगी।

इस फैसले से न केवल उन महिलाओं को लाभ मिलेगा, जो समाज में कमजोर स्थिति में हैं, बल्कि यह दिव्यांग समुदाय के लिए भी एक बड़ा राहत का स्रोत साबित होगा।

हरियाणा सरकार के इस कदम से समाज में क्या बदलाव आएंगे?

हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिवेश में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। सबसे पहले, यह निर्णय महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, खासकर उन महिलाओं को जो पति या परिवार के अन्य प्रमुख सदस्य की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं। इसके अलावा, दिव्यांग अविवाहित बेरोजगार पुत्रों को पेंशन मिलने से उन्हें भी अपने जीवन को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।

इस कदम से हरियाणा में महिलाओं और दिव्यांग समुदाय के लिए एक नई उम्मीद जगी है। यह न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि महिलाओं और दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।

हरियाणा सरकार की पेंशन योजना महिलाओं और दिव्यांगों के कल्याण के लिए एक सराहनीय कदम है। इससे राज्य के इन वर्गों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि समाज में उनके सम्मान और अधिकारों की रक्षा भी होगी। उम्मीद की जाती है कि यह योजना हरियाणा के गरीब और जरूरतमंद वर्गों के लिए सहारा बनेगी और उन्हें एक बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलेगा।

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