सरसों मंडी भाव में गिरावट, किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति

सरसों मंडी भाव में गिरावट, किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति

आजकल सरसों के दामों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। सरसों की कीमतों में यह गिरावट न केवल उनके उत्पादन की लागत को प्रभावित कर रही है, बल्कि किसानों की आय भी घट रही है। मंडियों में सरसों के भाव में उतार-चढ़ाव जारी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

प्रमुख मंडियों में सरसों के दाम

आज के ताजे आंकड़ों के अनुसार, गजसिंहपुर मंडी में सरसों के दाम ₹5488 से ₹5713 प्रति क्विंटल हैं। वहीं रायसिंहनगर मंडी में सरसों ₹5665 प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है। देवली मंडी में सरसों ₹5000 से ₹6000 प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है। इसी तरह, अन्य मंडियों में भी सरसों के दाम में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

आदमपुर मंडी में सरसों का रेट ₹6027 (लैब 41.29) है, जबकि सिवानी मंडी में सरसों के नान का रेट ₹5525 प्रति क्विंटल है। इसी प्रकार, पीलीबंगा मंडी में सरसों ₹5100 से ₹5671 प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रही है।

जयपुर, भरतपुर और दिल्ली मंडियों में रेट्स

सरसों के दाम प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में भी प्रभावित हो रहे हैं। जयपुर मंडी में सरसों का भाव ₹6275 प्रति क्विंटल है, जबकि भरतपुर मंडी में ₹6011 का रेट देखा जा रहा है। दिल्ली मंडी में भी सरसों का भाव ₹6275 प्रति क्विंटल है, जिसमें ₹50 की वृद्धि दर्ज की गई है।

वहीं, चरखी दादरी मंडी में सरसों का रेट ₹6250 है, जो कि ₹50 की तेजी के साथ स्थिर हुआ है। अलवर मंडी में सरसों का रेट ₹6050 है, जबकि बरवाला मंडी में यह ₹5900 तक गिर चुका है।

गिरते दामों का असर किसान पर

सरसों के दामों में यह गिरावट किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। जिन किसानों ने अपनी सरसों का स्टॉक किया था, वे अब अधिक दामों की उम्मीद नहीं कर पा रहे हैं। सरसों की गिरती कीमतें किसानों के लिए उनकी मेहनत और लागत की भरपाई में मुश्किलें पैदा कर रही हैं।

इसके अलावा, सरसों तेल के दामों में भी मामूली वृद्धि हुई है। सरसों तेल के एक्सपेलर रेट में ₹5 का इजाफा हुआ है और अब यह ₹1291 प्रति लीटर के आसपास है। हालांकि, कच्ची घानी तेल के दाम ₹1300 प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं, जो किसानों के लिए थोड़ा राहत देने वाली खबर हो सकती है।

आगामी महीनों में क्या हो सकता है?

विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी महीनों में सरसों की कीमतों में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने माल को जल्द से जल्द बेचने की योजना बनाएं, क्योंकि यदि कीमतों में और गिरावट आई, तो उन्हें नुकसान हो सकता है। साथ ही, सरकार से भी किसानों के लिए राहत की कोई योजना या समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उन्हें इस संकट से बाहर निकाला जा सके।

सरसों की कीमतों में गिरावट ने किसानों के लिए चिंता बढ़ा दी है, और उन्हें इस समय बाजार की स्थिति का बारीकी से विश्लेषण कर अपने फैसले लेने की आवश्यकता है। सरसों की बढ़ती आपूर्ति और कम होती मांग के कारण कीमतों में गिरावट आ रही है। यह स्थिति तब और चुनौतीपूर्ण हो जाती है, जब किसानों के पास उत्पादन के बाद उन्हें अपनी लागत भी पूरी करनी होती है। ऐसे में सरकार को किसानों के लिए समर्थन उपायों पर विचार करने की आवश्यकता है।

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