हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी नई नीति, बनेगा नया सिर दर्द
हरियाणा सरकार ने हाल ही में जाति प्रमाण पत्र को लेकर एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद फैसला लिया है। इस फैसले के तहत राज्य में अनुसूचित जातियों को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिसके बाद अब कई लोगों को फिर से अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा। खासकर उन लोगों के लिए यह एक मुश्किल बढ़ाने वाली खबर है जो पहले अनुसूचित जाति (SC) के तहत आते थे। अब उन्हें नया डीएससी (Deprived Scheduled Caste) प्रमाण पत्र बनवाना होगा, वरना वे सरकारी योजनाओं और लाभों से वंचित हो सकते हैं।
क्या है नया बदलाव?
हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जातियों को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया है। यह बदलाव ऐसे समय पर आया है जब इन जातियों के लोग लंबे समय से सरकारी योजनाओं और आरक्षण का फायदा उठा रहे थे। अब इस विभाजन के बाद, इन जातियों के लोगों को नया जाति प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी होगा। जो लोग पुराने प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे, उन्हें यह नया प्रमाण पत्र बनवाना पड़ेगा, अन्यथा वे किसी भी सरकारी योजना के लाभ से वंचित हो जाएंगे।
कौन-कौन सी जातियों को होगा असर?
इस नई नीति के तहत जिन जातियों को शामिल किया गया है, उनमें कई ऐसी जातियां हैं जो पहले अनुसूचित जाति के तहत आती थीं। अब इन्हें डीएससी प्रमाण पत्र बनवाना होगा। जिन जातियों को अब प्रमाण पत्र बनवाना पड़ेगा, उनमें प्रमुख जातियां निम्नलिखित हैं:
– धानक
– सिकलीगर
– बैरिया
– सिरकीबंद
– सपेला
– सपेरा
– सांसी
– भेड़कुट
– मनेश
– सनसोई
– सनहाई
– सनहाल
– पेरना
– फेरेरा
– ओड
– पासी
– नट
– बड़ी
– मेघ
– मेघवाल
– मारिजा
– मारेचा
– मजहबी
– मजहबी सिख
– खटीक
– कोरी
– कोली
– कबीरपंथी
– जुलाहा
– गांधीला
– गोंडोला
– डुमना
– महाशा
– डूम
– गागरा
– धर्मी
– ढोगरी
– धांगरी
– सिग्गी
– दारैन
– देहा
– धाय
– धीया
– भंजरा
– चनाल
– दागी बटवाल
– बरवाला
– बौरिया
– बावरिया
– बाजीगर
– बाल्मीकि
– बंगाली
इन जातियों के लोगों को अब फिर से जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा, वरना वे सरकारी लाभों से वंचित हो जाएंगे। इस फैसले से उन लोगों को सबसे ज्यादा असर होगा जो लंबे समय से आरक्षण का लाभ उठा रहे थे।
क्या होंगे दस्तावेज़ और प्रक्रिया?
जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब कुछ नई आवश्यकताएं और दस्तावेज़ होंगे। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अब जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का राज्य का मूल निवासी होना जरूरी होगा। इसके अतिरिक्त, आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
1. फैमिली आईडी
2. आधार कार्ड
3. फैमिली आईडी से जुड़ा मोबाइल नंबर
इन दस्तावेजों के बिना अब जाति प्रमाण पत्र बनवाना संभव नहीं होगा। यदि पहले आपने इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गलती की थी, तो अब आपको ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि सरकार इस प्रक्रिया पर सख्ती से निगरानी रख रही है।
आवेदन प्रक्रिया
जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया भी अब पहले से थोड़ी अलग हो चुकी है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
1. सरल हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
2. वहां जाकर रजिस्ट्रेशन करें और फिर DSC सर्टिफिकेट के ऑप्शन पर क्लिक करें।
3. लॉगिन प्रक्रिया पूरी करें।
4. आवेदन फॉर्म में अपनी सभी महत्वपूर्ण जानकारी भरें।
5. फॉर्म को सबमिट करें।
6. यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो कुछ ही दिनों में आपको डीएससी सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाएगा।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से राज्य की कई जातियों के लोग प्रभावित होंगे, खासकर वे लोग जो पहले अनुसूचित जाति के तहत आते थे। हालांकि सरकार का कहना है कि इस विभाजन से समाज में अधिक समानता आएगी, लेकिन कई लोगों के लिए यह निर्णय एक बड़ी चुनौती बन सकता है। अब हर व्यक्ति को नया जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा, अन्यथा वे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो सकते हैं।
इसलिए, यदि आप भी इन जातियों से संबंधित हैं, तो समय रहते अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाना न भूलें।