हरियाणा हाईकोर्ट: श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर प्रबंधन के फैसले पर रोक, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई

हरियाणा हाईकोर्ट: श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर प्रबंधन के फैसले पर रोक, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई

हरियाणा कैबिनेट के फैसले पर लगी रोक

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया था, जिसके तहत पानीपत जिले के चुलकाना स्थित श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर के प्रबंधन को बेहतर तरीके से चलाने के लिए एक नया श्री खाटू श्याम बाबा श्राइन बोर्ड बनाने का प्रस्ताव था। इस फैसले के बाद, मंदिर सेवा समिति और स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। अब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लें।

कोर्ट में दायर याचिका और अगली सुनवाई की तारीख

यह मामला तब प्रकाश में आया जब श्री श्याम मंदिर सेवा समिति, चुलकाना धाम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। समिति ने अपनी याचिका में यह कहा कि मंदिर का प्रबंधन और कब्जा अधिकारियों ने बिना किसी नोटिस और सुनवाई के अपने हाथ में ले लिया था, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन था। इस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए, संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का अंतिम निर्णय नहीं लें।

हाईकोर्ट ने साथ ही यह आदेश भी दिया कि इस मामले से जुड़े सभी अधिकारी अगले सुनवाई में एक हलफनामा दाखिल करें। इस हलफनामे में यह स्पष्ट किया जाए कि जीटी रोड से मंदिर तक सड़क की री-कारपेटिंग का कार्य पूरा हुआ है या नहीं। इसके अलावा, मामले की अगली सुनवाई 19 मई को तय की गई है, जब कोर्ट मामले की आगे की स्थिति पर विचार करेगा।

मंदिर सेवा समिति की आपत्ति और कोर्ट का फैसला

श्री श्याम मंदिर सेवा समिति का आरोप है कि बिना उनकी राय लिए ही मंदिर का प्रबंधन अधिकारियों के हाथ में दे दिया गया, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है। समिति का यह भी कहना था कि मंदिर का कार्यकुशल प्रबंधन और सेवाएं सही तरीके से चलाने के लिए समिति के पास पूर्ण अधिकार होने चाहिए, न कि प्रशासनिक अधिकारियों के। समिति ने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि अदालत इस मामले पर जल्दी से निर्णय ले और उनकी याचिका पर उचित सुनवाई की जाए।

अधिकारियों के लिए निर्देश और अगले कदम

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अगले सुनवाई तक एक हलफनामा पेश करें, जिसमें यह बताया जाए कि मंदिर तक सड़क की री-कारपेटिंग का कार्य पूरा हुआ है या नहीं। यह निर्देश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि राज्य सरकार ने मंदिर की बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए हैं और मंदिर का प्रबंधन किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

इस फैसले से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार के फैसले को लेकर विवाद और कानूनी जटिलताएं बढ़ सकती हैं। विशेष रूप से धार्मिक संस्थाओं के मामलों में किसी भी प्रकार के बदलाव को लेकर सभी संबंधित पक्षों की सहमति और उनकी राय ली जानी चाहिए। इस मामले में आगे क्या निर्णय होगा, यह 19 मई को होने वाली अगली सुनवाई में ही साफ होगा। वहीं, श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर की प्रबंधन समिति और राज्य सरकार के बीच इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ने के लिए अदालत की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।

यह मामला हरियाणा में धार्मिक प्रबंधन से जुड़े निर्णयों की कानूनी प्रक्रियाओं पर एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहां स्थानीय संस्थाओं की भूमिका को नजरअंदाज करना न्यायिक प्रक्रिया के लिहाज से सही नहीं माना गया।

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