हरियाणा में जल्द हो सकती है शहरी निकाय चुनाव की घोषणा, 34 स्थानीय निकायों में होंगे चुनाव
शहरी निकाय चुनावों की घोषणा की तैयारियां पूरी
हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा जल्द ही होने वाली है। सोमवार को राज्य के सभी शहरी निकायों की मतदाता सूचियां फाइनल कर दी जाएंगी। इसके बाद, राज्य के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह किसी भी समय चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकते हैं। चुनाव राज्य में दो चरणों में आयोजित होंगे। इसके लिए जिला उपायुक्तों की ओर से मतदाता सूचियों का फाइनल प्रकाशन किया जाएगा, जिससे यह चुनाव प्रक्रिया गति पकड़ सके।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य चुनाव आयोग ने 4 फरवरी से पहले पहले चरण के चुनावों के आयोजन की योजना बनाई थी, लेकिन मतदाता सूचियों के प्रकाशन में कुछ समय की देरी हुई, जिसके कारण आयोग ने हाई कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की थी। अब पूरी तैयारी के साथ मतदान प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इस सप्ताह के अंत तक चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।
पहले चरण में 24 शहरी निकायों में होंगे चुनाव
राज्य में कुल 34 शहरी निकायों में चुनाव होने हैं, जिनमें से 24 निकायों में चुनाव पहले चरण में कराए जाएंगे। इन 24 निकायों में पांच नगर निगम, तीन नगर परिषद और 26 नगर पालिकाएं शामिल हैं। चुनाव आयोग ने 6 जनवरी तक इन सभी निकायों की मतदाता सूचियों का फाइनल प्रकाशन करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार ने पहले ही शहरी निकायों में मेयर और अध्यक्षों के साथ वार्डों के आरक्षण की घोषणा कर दी है। यह चुनाव राज्य के विभिन्न शहरों की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मानेसर और अन्य शहरों में चुनावों की देरी
मानेसर नगर निगम की गठन के बाद यहां अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा, सोनीपत और अंबाला के मेयर विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचित हो चुके हैं, जिसके कारण दोनों नगर निगमों में मेयर का पद खाली पड़ा है। पहले चरण में मानेसर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और अंबाला नगर निगमों के चुनाव होने की संभावना है।
यह चुनाव राज्य में नगर निगमों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद हो रहे हैं। फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल फरवरी 2022 में और गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल नवंबर 2022 में समाप्त हो चुका है। इसी तरह, करनाल, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर और हिसार नगर निगमों का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हुआ है, जिससे चुनावों की आवश्यकता और भी बढ़ गई थी।
चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां
17 दिसंबर को मतदाता सूचियों का प्रारंभिक ड्राफ्ट जारी किया गया था, और उसके बाद नागरिकों से अपने नाम, पता, फोटो आदि में संशोधन कराने, नए वोट बनाने और पुराने वोटों को कटवाने के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस प्रक्रिया के तहत 23 दिसंबर तक आवेदन प्राप्त किए गए थे और 27 दिसंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा किया गया था। अंतिम दावों का निपटारा 31 दिसंबर तक किया गया, और 3 जनवरी को प्रदेश से आई सभी आपत्तियों का समाधान कर दिया गया था।
अब सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और मतदाता सूचियों का फाइनल प्रकाशन सोमवार को किया जाएगा, जिससे चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जा सकता है।
चुनाव आयोग की भूमिका और आगामी दिशा
राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करते हुए सुनिश्चित किया है कि चुनाव शांतिपूर्वक और पारदर्शी तरीके से हों। चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा में चुनावों की निष्पक्षता और संगठन को लेकर किसी भी प्रकार की कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
इस चुनाव प्रक्रिया का परिणाम राज्य के शहरी क्षेत्रों में राजनीतिक माहौल को प्रभावित करेगा और हरियाणा की शहरी विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण दिशा तय करेगा।
हरियाणा में होने वाले शहरी निकाय चुनाव राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। राज्य के विभिन्न शहरों में हो रहे इन चुनावों से न केवल शहरी विकास की दिशा तय होगी, बल्कि यह चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को भी मजबूत करेंगे। चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने चुनाव की तैयारियों को गति दी है, और उम्मीद की जा रही है कि चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर होंगे।